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ठाणे महानगर पालिका के अन्याय के खिलाफ फेरीवालों का 2 अप्रैल 2025 को ठिया आंदोलन टीएमसी मुख्यालय के सामने

पत्रकार अरविंद कोठारी
ठाणे मनपा ने फेरीवाला कानून २०१४ को अनदेखा कर फेरीवाला चुनाव की घोषणा

• सर्वेक्षण और लाइसेंस जारी होने तक कार्रवाई रोकने की मांग:

24 मार्च 2025 को अमोल केन्द्रे, दीपक भालेराव, अनिल मौर्या और अरविंद कोठारी ने आयुक्त से मुलाकात कर मांग रखी कि जब तक फेरीवालों का सर्वेक्षण और लाइसेंस प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक उन पर कोई कार्रवाई न की जाए।

• फेरीवाला चुनाव में अनियमितताः

25 मार्च 2025 को थाने महानगर पालिका ने फेरीवालों के चुनाव की घोषणा की, जिसमें मात्र 17 दिन में मतदान कराने का निर्णय लिया गया, जबकि नियम के अनुसार यह अवधि तीन महीने की होनी चाहिए थी।

• फेरीवालों के मतदान अधिकार पर सवाल: 2016 और 2019 में हुए सर्वेक्षण में 6000 फेरीवालों की गणना की गई थी, लेकिन अब केवल 1635 फेरीवालों को पात्र बताया गया है और 4635 फेरीवालों को मतदान सूची से हटा दिया गया है। यह फेरीवालों के साथ अन्याय है।

• स्पेशल टी.वी. सी. विभाग की स्थापनाः दिवा और मुंब्रा क्षेत्रों में विशेष टी.वी.सी. विभाग बनाने और तीन टी.वी.सी. का चुनाव कर, इनकी निगरानी में बचे हुए फेरीवालों का सर्वेक्षण कराने की मांग की गई है।

• अनधिकृत शुल्क वसूली पर रोकः स्वच्छता के नाम पर फेरीवालों से रोज़ 30 रुपये शुल्क वसूला जा रहा है, इसे तत्काल बंद किया जाए और अवैध वसूली करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
2 अप्रैल को ठीय्या आंदोलन

इन सभी मांगों को लेकर 2 अप्रैल 2025 को थाने महानगर पालिका मुख्यालय के सामने बड़ा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। सभी फेरीवालों से भारी संख्या में आंदोलन में शामिल होने की अपील की गई है।

आंदोलन का नेतृत्वः

धड़ाकेबाज युवा प्रतिष्ठान महाराष्ट्र राज्य के संस्थापक अध्यक्ष अमोल धनराज केन्द्रे, दीपक भालेराव, अभय दुबे, राजू गुप्ता , बंटी शिंदे, अरविंद कोठारी, अनिल मौर्या आदि इस आंदोलन का नेतृत्व करेंगे।

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